2 जून, रविवार को 'बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' के तहत बोलो ज़िन्दगी की टीम (राकेश सिंह 'सोनू', प्रीतम कुमार व तबस्सुम अली) पहुंची पटना के कदमकुआं में टीवी-रेडियो एनाउंसर, डांसर व थियेटर आर्टिस्ट सोमा चक्रवर्ती जी की फैमली के घर. जहाँ हमारे स्पेशल गेस्ट के रूप में बीजेपी कला सांस्कृतिक प्रकोष्ठ, बिहार के सह-संयोजक आनंद पाठक भी शामिल हुयें.
इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है बोलो जिंदगी फाउंडेशन ने जिसकी तरफ से हमारे स्पेशल गेस्ट के हाथों सोमा चक्रवर्ती की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.
फैमली परिचय- सोमा चक्रवर्ती दूरदर्शन, आकाशवाणी व स्टेज की जानीमानी एंकर-उद्घोषक हैं. ये एक प्रशिक्षित डांसर व थियेटर आर्टिस्ट भी हैं. 'प्रांगण' संस्था में फोक डांस ग्रुप की लीडर भी हैं. 2015 -2016 में बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा इन्हे बिहार कला पुरस्कार भी मिल चूका है. सोमा चकर्वर्ती के संघर्षमई जीवन की पूरी कहानी आप bolozindagi.com के कॉलम 'स्टोरी ऑफ़ स्ट्रगल लाइफ' में पढ़ सकते हैं.
इनके पति अभय सिन्हा कल्चरल एनजीओ 'प्रांगण' के संस्थापक सचिव हैं. 1981 में प्रांगण की स्थापना हुई थी. सोमा चक्रवर्ती और अभय सिन्हा एक दूसरे से कला प्रेम की वजह से ही जुड़ें और फिर दोनों ने लव कम अरैंज मैरेज कर लिया. सोमा जी की दो जुड़वाँ बेटियां हैं सृष्टि सिन्हा व दृष्टि सिन्हा जो संत जोशफ कॉन्वेंट हाई स्कूल में क्लास 10 वीं की स्टूडेंट हैं. दोनों ने अभी ओडिसी नृत्य में भारतीय नृत्य कला मंदिर में प्रोफेसर तमाल पात्रा के संरक्षण में फिफ्थ ईयर किया है.
अभय जी के बड़े भाई हैं अनिल वर्मा जो पोस्टल ऑफ़ एकाउंट्स डिपार्टमेंट में सीनियर एकाउंटेंट थें, वो भी थियेटर से जुड़े रहे हैं. अनिल जी का एक बीटा है प्रतीक वर्मा जिसने अभी बैंगलोर क्रिस यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन करके लौटे हैं.
कलाकार फैमली - सोमा जी का पूरा परिवार ही कलाकारों से भरा है. सोमा जी ने बताया कि संस्था 'प्रांगण' के अंतर्गत होनेवाले पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव की चर्चा अब देश ही नहीं विदेशों में भी होनेलगी है. काफी बड़े-बड़े देश के दिग्गज नाट्य निर्देशकों का जमावड़ा होता है. इस नाट्य महोत्सव में दो पर्सनैलिटी को पाटलिपुत्र अवार्ड से सम्मानित करते हैं और जिसकी चर्चा बिहार बोर्ड व इंटरमीडिएट के कोश्चन पेपर्स में किया जाता है कि पाटलिपुत्र अवार्ड किस क्षेत्र के लिए दिया जाता है... और ये हमारे लिए गौरव की बात है. नाट्य ग्रुप को अभय जी देखते हैं और फोक डांस ग्रुप को लिड सोमा जी करती हैं.
अभय सिन्हा के गुरु सतीश आनंद जी रहे हैं तो उनके साथ ये काम करते-करते नाटक की बारीकी सीखें. उसके बाद जब सतीश जी का दिल्ली आने-जाने का हुआ तो अभय जी को लगा कि अपना कुछ अलग हटकर किया जाये. फिर कुछ लोगों के साथ जुड़कर 'प्रांगण' संस्था की नींव पड़ी. पहले नाटक से शुरुआत हुई. पहले खुद डायरेक्ट नहीं करते बल्कि सीनियर्स से डायरेक्ट कराते थें. फिर कुछ लोग जुड़े और कुछ लोग छोड़कर चले भी गए. लेकिन अभय जी ने काफी उतर-चढाव देखते हुए उस कारवां को लेकर आजतक चलते रहें. बाद में नाटक के साथ-साथ 'प्रांगण' में फोक डांस भी जोड़ा गया. उसका अलग से एक ग्रुप बना जो विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन करने लगा. देश में साऊथ को छोड़ कोई ऐसा राज्य नहीं जहाँ 'प्रांगण' के फोक डांस ग्रुप ने प्रदर्शन ना किया हो. यहाँ तक कि बाहर के कई देशों में भी प्रस्तुतियां दी हैं.
अभय सिन्हा जी के बड़े भाई अनिल वर्मा जी ने अपने ऑफिस के सहकर्मियों की एक टीम बनवाई थी जो नाटक प्ले किया करते थें. अनिल वर्मा जी के नाटक से जुड़ने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. जब इनके छोटे भाई अभय सिन्हा थियेटर से जुड़े तो पिता जी बहुत गुस्सा करते थें कि नौकरी नहीं करता है, नौटंकी करता है.... तो छोटे भाई को अपने पिता की डाँट से बचाने के लिए अनिल जी भी नाटक से जुड़ें कि कम-से-कम हम तो नौकरी करते हैं, हम भी जुड़ेंगे तो पापा भाई को कम डांटेंगे. और भाई के प्रति जो अनिल जी का प्यार है वो आज भी बना हुआ है तभी तो अभय सिन्हा व सोमा चक्रवर्ती उन्हें ही अपना गार्जियन मानते हैं.
अनिल जी के बेटे और सोमा जी के भतीजे प्रतीक वर्मा ने लास्ट ईयर दो शॉर्ट फिल्म बनाई है जो नेशनल शॉर्ट फिल्म उत्सव में भेजी गयीं जहाँ उनकी फिल्म को नेशनल अवार्ड मिला. एक फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट स्क्रीन प्ले राइटर तो दूसरी फिल्म के लिए बेस्ट फिल्म 2018 का अवार्ड मिला. एक फिल्म का नाम है 'लोलिता चटर्जी' तो दूसरी फिल्म का नाम है 'नजरिया'.
अब सोमा-अभय जी की जुड़वाँ बेटियों की बात करें तो दोनों को बचपन से डांस का शौक है जो इनके खून में है. दोनों बहनों ने अभी-अभी रेडियो में ड्रामा आर्टिस्ट के लिए जो ऑडिशन दिया था वो पास कर गयी हैं. संजय सोनू जी के निर्देशन में बनी बॉलिवुड फिल्म 'डेथ ऑन सन्डे' में सृष्टि-दृष्टि का एक डांस सीक्वेंस है जो पद्मविभूषण शारदा सिन्हा जी के ठुमरी गाने पर है. फिल्म जल्द ही रिलीज होनेवाली है. थियेटर ओलम्पिक में हुए बटोही नाटक में भी दोनों प्ले कर चुकी हैं. सोमा जी बताती हैं कि "जब दोनों दो-ढ़ाई साल की थीं और हमारा रिहर्शल चलता था तो दोनों देखक-देखकर डांस सीखती थीं. तब दोनों किड्सजी में पढ़ती थीं, जब स्कूल का एनवल फंक्शन हुआ तो उसमे इन दोनों ने बिहार का फोक डांस "उमड़ल बदरिया चमके बिजुरिया..." पर साड़ी पहनकर परफॉर्म किया. फिर भारतीय नृत्य कला मंदिर का पूरा ऑडोटोरियम खड़ा हो गया कि ढ़ाई साल की दोनों बच्चियां एक साथ ऐसा डांस प्रस्तुत कर रही हैं. अगले दिन दोनों बहनों का अख़बारों में फोटो और नाम-वाम भी छपा. तबसे दोनों डांस लगातार सीख रही हैं. खुद ही कोरियोग्राफी भी कर लेती हैं." भारतीय नृत्य कला मंदिर के जो भी इन हॉउस प्रोग्राम होते हैं उसमे भी सृष्टि-दृष्टि परफॉर्म कर चुकी हैं, आईसीसीआर की तरफ से दोनों नेपाल में हुए प्रोग्राम में भी पार्टिशिपेट कर चुकी हैं. 'प्रांगण' के कई कार्यक्रमों में भी एक्टिव रही हैं, स्कूल में होनेवाले सभी कल्चरल प्रोग्रामों में भाग लेकर कई इनाम जीते हैं. जहाँ भी करना हो दोनों साथ ही परफॉर्म करती हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=COTcFLKgq2s
https://www.youtube.com/watch?v=COTcFLKgq2s
सृष्टि आगे होटल मैनेजमेंट करना चाहती है, लेकिन साइड में म्यूजिक, डांस को साथ लेकर चलेंगी. सृष्टि-दृष्टि को डांस के आलावा भी कई शौक हैं. जहाँ सृष्टि को गाने का भी शौक है वहीँ दृष्टि अच्छी पेंटिंग कर लेती हैं. सृष्टि को वेराइटी खाना बनाने का बहुत शौक है. जब सोमा जी ने सृष्टि की तारीफ करते हुए यह कहा कि सृष्टि चाय बहुत अच्छा बनाती है तो फिर बोलो जिंदगी के टीम मेंबर व स्पेशल गेस्ट ने भी मौके पर सृष्टि के हाथ से बनी चाय पीने की फरमाइश कर डाली.
https://www.youtube.com/watch?v=noEZ8kyLWLQ&t=3s
सन्देश: मौके पर बतौर स्पेशल गेस्ट आनंद पाठक ने सोमा जी की फैमली से मिलकर व खासकर सृष्टि-दृष्टि के टैलेंट को देखकर अपने सन्देश में कहा कि - "बच्चियों के टैलेंट को जो मैंने देखा तो मैं यह कह सकता हूँ कि वाकई में एक कलाकार के घर में जो उनके बच्चे होते हैं वो किस तरह से अपने माँ-बाप के एक्टिविटी को ऑब्जर्ब करते हैं और किस तरह से आगे बढ़ते हैं वो आज हमने सोमा चक्रवर्ती जी के घर पर आकर देखा. सृष्टि व दृष्टि दोनों बच्चियां जो किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं तो इसमें उनके अभिभावकों का बहुत सराहनीय योगदान है. मौके पर दोनों बच्चियों के इस उम्दा डांस प्रदर्शन को देखकर यही कह सकता हूँ कि दोनों का भविष्य बहुत उज्जवल है."
(इस पूरे कार्यक्रम को bolozindagi.com पर भी देखा जा सकता है.)
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