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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Tuesday 7 January 2020

"पत्रकार कवि सम्मेलन- Season 2"



कवि सम्मेलन की महफ़िल में पत्रकार कवियों की जमात सजी थी. यहाँ देश-समाज की खबरें, प्यार-मोहब्बत के एहसास सभी कुछ कविता के रूप में व्यक्त किये जा रहे थें. बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन ने  रविवार, 5 जनवरी, 2020 को पटना, दीघा स्थित पिंक महल मैरेज हॉल में "पत्रकार कवि सम्मेलन- Season 2" का आयोजन किया, जहाँ शहर के विभिन्न प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कवि पत्रकार बन्धुओं ने काव्य पाठ के साथ नए साल का गर्मजोशी से स्वागत किया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, अमिताभ ओझा, एसोसिएट एडिटर, न्यूज 24 (बिहार-झाड़खंड), विशिष्ट अतिथि - पवन टून, कार्टूनिस्ट, दैनिक हिंदुस्तान, बंटी चौधरी, विधायक, सिकंदरा- जमुई, कुमार प्रभंजन, सीएमडी, नेक्स्टजेन वर्ल्ड, मृत्युंजय कु. सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार पुलिस एसोसिएशन, ऋतू जायसवाल, मुखिया, सिंहवाहिनी पंचायत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम शुरू होने से पहले बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन के निदेशक राकेश सिंह 'सोनू' एवं बोलो ज़िन्दगी की प्रोग्रामिंग हेड तबस्सुम अली ने आमंत्रित अतिथियों को सम्मानित किया.

कार्यक्रम के आयोजक एवं बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन के निदेशक राकेश सिंह 'सोनू' ने बताया कि "पहली बार इस अनूठे कॉन्सेप्ट को लेकर हमने जनवरी 2019 में पत्रकार कवि सम्मेलन आयोजित किया था. चूँकि मैं खुद एक पत्रकार हूँ और मैंने देखा है कि ज्यादातर पत्रकार मंचीय कवि नहीं होते बल्कि वे सिर्फ शौकिया लिखा करते हैं. कुछ एक पत्रकारों को छोड़ दें तो बहुत से कविता रचनेवाले पत्रकार झिझक की वज़ह से कवि गोष्ठियों में जाने से बचा करते हैं. तो उन्ही पत्रकार कवियों की झिझक तोड़ने और सभी पत्रकार कवियों को एक मंच पर इकट्ठा करने के उद्देश्य से हमने 'पत्रकार कवि सम्मलेन' की शुरुआत की और पिछले साल इस कार्यक्रम के सफल होते ही हमने यह तय किया कि यह कार्यक्रम आगे भी जारी रखा जाये. इस कार्यक्रम की निरंतरता बनाये रखने के लिए मुझे अपने कवि पत्रकार बंधुओं का भी अच्छा सहयोग मिला."

आमंत्रित पत्रकार कवि थें-  अमलेंदु अस्थाना (दैनिक भास्कर), चंदन द्विवेदी (दैनिक हिंदुस्तान),
कुमार रजत (दैनिक जागरण), आरजे श्वेता सुरभि (बिग एफएम), अभिषेक मिश्रा (रेड एफएम), प्रेरणा प्रताप (दूरदर्शन बिहार), बीरेंद्र ज्योति (वरिष्ठ पत्रकार), श्रीकांत व्यास (वरिष्ठ पत्रकार), समीर परिमल (पूर्व संपादक, सामयिक परिवेश) दिल्ली से आये संजीव मुकेश (संपादक, सामयिक परिवेश), नवादा से आये मुकेश सिन्हा (पूर्व पत्रकार), ऋचा शर्मा (फर्स्ट बिहार झाड़खंड न्यूज पोर्टल).

बिहार के 13 पत्रकार कवियों ने अपनी काव्य रचना सुनाई जो यूँ है,
अमलेंदु अस्थाना ने सुनाया-
"शब्द शब्द टकराये है,
देखो तो किधर जाए है.
नफ़रत की इस आंधी में
शोला वोला भड़काए है.
कोई मज़हब-मज़हब शोर करे
कोई जाति-जाति चिल्लाए है."

कुमार रजत ने सुनाया-
"ज़िद ने साजिश बड़ी की है।
घर में दीवार खड़ी की है।
हम यूं कभी रोए नहीं थे
मुहब्बत ने कहीं गड़बड़ी की है।"

चंदन द्विवेदी ने सुनाया-
"राग हो रंग हो इस नए साल में
साथ हो संग हो इस नए साल में
सबको विज्ञान देता रहे सन्मति
न कोई जंग हो इस नए साल में."

प्रेरणा प्रताप ने सुनाया-
"कौन सी कविता लिखूं ,
लिखूं कौन सा गीत,
स्याही अश्रु बहा रही
जब हृदय हुआ व्यथित."

समीर परिमल ने सुनाया-
"जो न करना था कर गया पानी
देखो हद से गुज़र गया पानी
जब जगह मिल सकी न आँखों में
हर गली घर में भर गया पानी."

आरजे श्वेता सुरभि ने सुनाया-
"कुछ ख्वाहिशें झांकती है झरोखों से..कुछ हसरतें दस्तक देती हैं खिड़कियों पर.."

अभिषेक कु. मिश्रा ने सुनाया-  "अगर मैं लड़की होता को क्या लिखता...मैं अपना डर लिखता या अपना गुस्सा लिखता."

राकेश सिंह 'सोनू' ने सुनाया-
"तेरे आने से तब मौसम बदलता था तेरे जाने से अब मेरी रात जगती है...क्या बताऊँ, मेरी आदत बनकर तू अब भी मुझमे दिन-रात गुजरती है."

बीरेंद्र ज्योति जी ने सुनाया-
"नया साल मुबारक नया साल मुबारक. उसको नफरत की आग मुबारक हमें इश्क का एक चिराग मुबारक."

संजीव कुमार मुकेश ने सुनाया-
"जीवन के हर शब्द-शब्द
अक्षर-अक्षर में माँ,
माँ ही गीता-वेद-रामायण
 वाणी स्वर में माँ."

मुकेश कुमार सिन्हा ने सुनाया -
"भय,भूख,भ्रष्टाचार से
लड़ाई हो आर-पार.
हमेशा जगती रहे कलम
ताकि सोये न सरकार."

ऋचा शर्मा ने सुनाया-
"चाहत नहीं विवाद हो
आदत नहीं फसाद हो
है तीव्र लालसा यही
बस सत्य शंखनाद हो."

श्रीकांत व्यास ने सुनाया -
"दस्त में हैं मौत के ख़ंजर लिए,
बागवां भी अब दिखे बंजर लिए..."

कार्यक्रम में एंकरिंग की बोलो ज़िन्दगी के प्रीतम कुमार ने तो कवि सम्मेलन का संचालन किया रेड एफएम के अभिषेक मिश्रा ने. इन पत्रकार कवियों की कवितायेँ सुनकर देर शाम तक महफ़िल में वाह-वाह और तालियों की आवाज गूंजती रही. सभी प्रतिभागी पत्रकार कवियों को मौजूद अतिथियों ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया. प्रतिभागियों एवं सम्मानित अतिथियों को कार्यक्रम के गिफ्ट पार्टनर की तरफ से देसी फ़ूड 'सत्तूज' का गिफ्ट पैक वितरण किया गया.
       
कार्यक्रम के समापन के बाद मुख्य अतिथि न्यूज 24 के एसोसिएट एडिटर अमिताभ ओझा ने बोलो ज़िन्दगी के निदेशक राकेश सिंह सोनू से अपने दिल की बात शेयर करते हुए कहा कि "अपने पत्रकार साथियों को यूँ काव्य पाठ करते हुए देखकर मुझे भी कुछ-कुछ होने लगा और अगली बार मैं गेस्ट की कुर्सी पर नहीं बल्कि कवि पत्रकारों की जमात में बैठकर खुद भी कविता सुनाना पसंद करूँगा."

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बोलो ज़िन्दगी के प्रीतम कुमार एवं तबस्सुम अली, दीपक, नीरज, सतीश कुमार, राहुल राज एवं दीनू मिश्रा का बहुत योगदान रहा. मुख्य अतिथि अमिताभ ओझा ने कार्यक्रम के अन्य सहयोगी प्रायोजक रिलेक्स सर्विकॉन प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी विकास कुमार को  सम्मानित किया. विशिष्ट अतिथि मशहूर कार्टूनिस्ट पवन टून ने फोटोग्राफी पार्टनर येलो स्टूडियो के अनिमेष रंजन और गिफ्ट पार्टनर 'सत्तूज़' के मिस्टर आर्यन को सम्मानित किया. वहीँ बोलो ज़िन्दगी के राकेश सिंह 'सोनू' ने वेन्यू पार्टनर पिंक महल मैरेज हॉल के ऑनर ए. के. वाजपेयी उर्फ़ सीटू जी को सम्मानित किया.  

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