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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Sunday 8 September 2019

बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक : रीना सिन्हा जी की फैमिली, कालिकेत नगर, पटना



8 सितंबर, रविवार की शाम 'बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' के तहत बोलो ज़िन्दगी की टीम (राकेश सिंह 'सोनू', प्रीतम कुमार एवं तबस्सुम अली) पहुंची पटना के बेली रोड, कालिकेत नगर में गायिका रीना सिन्हा जी के घर. फैमली ऑफ़ द वीक में हमारे स्पेशल गेस्ट के रूप में बीजेपी कला संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह भी शामिल हुयें. इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है बोलो जिंदगी फाउंडेशन ने जिसकी तरफ से हमारे स्पेशल गेस्ट के हाथों रीना जी की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.

फैमली परिचय- रीना सिन्हा ने इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया है. हसबैंड श्री अभय कुमार सिन्हा दो भाई दो बहन हुए. वे वैशाली जिले में सांख्यिकी विभाग में कार्यरत हैं. बिहार कोकिला के नाम से जनि जानेवाली लोकगायिका पद्मश्री स्व. विंध्यवासिनी देवी रीना सिन्हा जी के हसबैंड की फुआ थीं यानि वो रीना जी की फुआ सास लगीं. रीना सिन्हा का ससुराल बाढ़ में है और मायका मुजफ्फरपुर हुआ. इनकी सासु माँ कुसुम कुमारी सिन्हा बाढ़ गर्ल्स स्कूल की हेडमास्टर थीं. ससुर जी स्व. हरिनंदन प्रसाद सिन्हा कोलकाता यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थें जो रीना जी की शादी के पहले ही गुजर चुके थें. रीना जी को दो बेटे हैं, बड़े बेटे कुमार सौरभ मैकेनिकल से बीटेक करके पुणे की एक कम्पनी में ट्रेनिंग कर रहे हैं. बड़े बेटे को क्रिकेट में बहुत रूचि रही है. छोटा बेटा अपूर्व कुमार न्यू मॉडल दिल्ली पब्लिक स्कूल में 12 वीं का स्टूडेंट है.


संगीत से लगाव - बचपन से ही जब 8-9 साल के थें तो आकाशवाणी के बालमंडली एवं घरौंदा में गाते थें. स्कूल में एक विषय संगीत भी था जिसके तहत प्रोग्राम भी देते थें. फिर आगे पढ़ाई-लिखाई के क्रम में कुछ समय के लिए संगीत से नाता छूट गया. फिर 1991 जून में शादी हुई तो घर-गृहस्ती की वजह से संगीत साधना में थोड़ी कमी हुई. फिर जब बच्चे बड़े हुए तब संगीत का सफर पुनः शुरू हुआ. फिर से आकाशवाणी और दूरदर्शन से जुड़ें. राजेंद्रनगर में विंध्य कला केंद्र स्व. विंध्यवासिनी देवी जी की संस्था है जो बहुत वर्षों से चल रही है. उनकी बेटी चला रही हैं. रीना जी वहां की स्टूडेंट भी हैं, वहीँ से इन्होने लखनऊ से लोकगीत में डिग्री ली हुई है. 18 अप्रैल को स्व. विंध्यवासिनी देवी की पुण्यतिथि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम जो कालिदास रंगालय या प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित होते हैं में रीना सिन्हा मुख्य रूप से गाती हैं. पूर्णिया जिले में हुए श्रावणी महोत्सव में भी भाग लिया है. ये खुद के लिखे संस्कार गीत और देवी गीत को भी गाती हैं. हिंदी, मगही, बज्जिका भाषा में लिख चुकी हैं और म्यूजिक एलबम के लिए बात चल रही है. यू ट्यूब चैनल है रीना सिन्हा ट्रेडिशनल के नाम से जिसमे फुआ जी का गीत गायी हैं.

अभी क्या चल रहा है ? -  जब बिन्ध्य कला केंद्र में स्व.विंध्यवासिनी देवी जी की बेटी यानि दीदी आती हैं तो उनसे वहां रीना जी संगीत सीखती हैं लेकिन अभी जब दीदी अस्वस्थ हैं तो ये वहां के नए स्टूडेंट्स को सिखाती हैं.

बोलो जिंदगी टीम और स्पेशल गेस्ट वरुण सिंह जी की फरमाईश पर रीना जी ने अपनी फुआ सास स्व. विंध्यवासिनी जी के लिखे कजरी, धनकटनी और विवाह गीत को गाकर सुनाया जिसे सुनकर सभी ने उनकी खूब सराहना की.


(इस पूरे कार्यक्रम को bolozindagi.com पर भी देखा जा सकता है.)

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