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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Wednesday, 6 September 2017

खेल और लेखन दोनों में उस्ताद : अभिनन्दन गोपाल, बाल कवि-लेखक एवं बॉल बैडमिंटन प्लेयर

तारे ज़मीं पर
By : Rakesh Singh 'Sonu'


सिर्फ अच्छी चीजें खाने और खेलने की लालसा लेकर 'किलकारी' बाल भवन जानेवाले एक बच्चे के हुनर को जैसे ही तराशा गया वो धीरे धीरे अपनी चमक बिखेरने लगा. बात हो रही है पटना, कदमकुआं के संत जेवियर्स हाई स्कूल, क्लास 9 वीं में पढ़नेवाले अभिनन्दन गोपाल की जो चार भाई-बहन में इकलौते भाई हैं. बचपन से ही लिखने की रूचि रखनेवाले अभिनन्दन की शुरुआत कविता लेखन से हुई. जब वह संत जोसफ प्राइमरी स्कूल में क्लास 4 में था तो स्कूल की निबंध प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया. तब एक ही साल में हुईं 4-5 निबंध प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अभिनंदन सभी में प्रथम आया. क्लास 5 में पढ़ते हुए एक दिन अभिनंदन अपनी दीदी को 'किलकारी' बाल भवन जाता देखकर साथ में गया और मन लगने पर वहां हमेशा जाने लगा. वहां उसने देखा कि खेलने की बहुत सुविधा है, जो खेलना चाहो खेलो वो भी मुफ्त में और कोई रोक-टोक नहीं. अभिनंदन की दीदी किलकारी में लेखन क्लास करती थी जिसमे उसकी भी उम्र के बहुत सारे बच्चे थे. एक दिन लेखन क्लास की मधु जी उसे लेखन क्लास में ले गयीं. लेकिन तब अभिनंदन को वहां बहुत देर बैठना बोरिंग लगता था. कई बार किलकारी में वर्कशॉप होता जहाँ खाने को बहुत कुछ मिलता था और अभिनंदन खाकर वहां से खेलने भाग जाता था. जब जब लेखन क्लास से बोर होता पानी पीने का बहाना करके क्लास से बाहर आ जाता था. उन्ही दिनों लेखन क्लास की मधु जी ने उसे संपादक मण्डली में आने को कहा. तभी से अभिनन्दन ने अच्छे से लिखना शुरू किया. उसके बाद लेखन में आउट ऑफ़ किलकारी, आउट ऑफ़ स्कूल पार्टिशिपेट करना शुरू किया. तब पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा वन्य प्राणी सप्ताह के अवसर पर 'चिड़ियाघर में हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए' टॉपिक पर हुए निबंध प्रतियोगिता में अभिनंदन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों प्रथम पुरुस्कार मिला. जाहिर है ऐसे में उत्साह का ग्राफ बढ़ना ही था. 2013 में हिंदी दिवस पर हिंदी पखवाड़ा में कॉलेज स्टूडेंट के लिए प्रतियोगिता हो रही थी. अख़बार में पढ़कर अभिनंदन छोटी बहन प्रियंतरा के साथ चला गया. वहां जाने पर पता चला कि यह प्रतियोगिता कॉलेज के युवाओं के लिए है. लेकिन वहां मौजूद जज को उन्हें यूँ खाली लौटाना अच्छा नहीं लगा इसलिए उन्होंने इन्हें भी शामिल कर लिया. युवाओं का टॉपिक था 'आज के संदर्भ में हिंदी की प्रासंगिता'. लेकिन इन दोनों भाई बहन को अलग से टॉपिक मिला 'माँ बाप' पर लिखने के लिए. उन्हें यह टॉपिक बहुत आसान लगा. फिर रिजल्ट निकला तो अभिनन्दन को फर्स्ट और बहन को सेकेण्ड प्राइज मिला. फिर यूँ ही बहुत सी प्रतियोगिताओं में भाग लेता रहा.

लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करते हुए अभिनंदन 
फिर 2014 में साहित्य सम्मलेन में ही हिंदी दिवस के अवसर पर काव्य पाठ में प्रथम पुरस्कार मिला. 11 सितंबर, 2015 में कवि गोपाल सिंह नेपाली की पौत्री की मौजूदगी में नेपाली जी की कविता 'भाई-बहन' को प्रस्तुत किया था. 14 सितंबर 2015 में बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन में हुए काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल किया. 18 मई 2016, पटना म्यूजियम में कला संस्कृति युवा विभाग के सौजन्य से आयोजित निबंध प्रतियोगिता जिसमे 150 से अधिक बच्चे आये थें में सेकेण्ड प्राइज मिला.  उसके बाद बहुत सारे कम्पटीशन में जाना हुआ जहाँ थर्ड-फोर्थ प्राइज मिला जो अभिनन्दन को अच्छा नहीं लगा. उसने सोचा थर्ड-फोर्थ स्थान आ रहा है इसलिए अब कहीं भी भाग लेने नहीं जाऊंगा. लेकिन फिर बहन के कहने पर 2017 में पटना म्यूजियम के शताब्दी वर्ष पर टॉपिक 'मेरी नजर में पटना म्यूजियम' पर दिए स्पीच कम्पटीशन में तत्कालीन कला संस्कृति मंत्री के हाथों सेकेण्ड प्राइज मिला. वहीँ पर एक क्लब त्रिनेत्र आर्ट स्टूडियो जहाँ पोयट्री कम्पटीशन चल रहा था तो अभिनन्दन ने सोचा स्पीच देने से पहले यहाँ भी थोड़ा हाथ आजमाते हैं और वहां जाकर 5 -10  मिनट में एक कविता लिखकर चला आया. जब रिजल्ट की घोषणा हुई तो अभिनन्दन को फर्स्ट प्राइज के लिए बुलाया गया. उसके बाद 10 अप्रेल 2017, महिला चरखा समिति में जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती देवी के ऊपर हुए स्पीच कम्पटीशन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की पौत्री डॉ. तारा सिन्हा के हाथों सेकेण्ड प्राइज मिला.

वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ. उषा किरण खान जी के साथ अभिनन्दन 
इसके आलावा भी वह पुस्तक मेला और अन्य कवि गोष्ठियों में भी भाग लेता रहा. किलकारी की टीम के साथ जाकर जगह जगह नुक्कड़ बाल कवि समेलन भी किया जिससे खुद को प्रेजेंट करने व बोलने का तरीका डेवलप हुआ और हिचकिचाहट खत्म हुई. 2015 में हैदराबाद में आयोजित 19 वीं इंटरनेशनल चिल्ड्रन फिल्म फेस्टिवल इण्डिया में बिहार से पांच बच्चों का चयन बाल प्रतिनिधि के रूप में हुआ था जिसमे अभिनन्दन भी शामिल था. 10 दिनों के उस फेस्टिवल में दूसरे देश के फिल्मकारों की 2  मिनट से लेकर 2 घंटे की फ़िल्में दिखायीं गयीं. जब और बच्चों के साथ अभिनंदन भी फिल्म देखकर निकलता तो वहां की सारी मीडिया आकर उससे फिल्मों के बारे में पूछती जो एक अलग ही अनुभव था. वहां फेस्टिवल के चेयरमैन अभिनेता मुकेश खन्ना और अभिनेत्री करीना कपूर, करिश्मा कपूर से भी मिलने का अवसर मिला.
अब बात करते हैं अभिनन्दन के खेल के प्रति लगाव की. पहले वह किलकारी में बैडमिंटन खेलता था. वहां बैडमिंटन के एक ही कोर्ट रहने और बच्चों की अधिक संख्या होने की वजह से दो दो घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था. वहीँ किलकारी के बाहर एक बालू का ग्राउंड है जिसमे एक साथ 10 प्लेयर बॉल बैडमिंटन खेल रहे थें. उस खेल में कम बच्चे थें तो फिर यही खेलना अभिनन्दन को उचित लगा और बॉल बैडमिंटन जो साऊथ का लोकप्रिय खेल है 2015 से खेलना शुरू कर दिया. इसमें स्टेट लेवल पर बहुत सारे ट्रूनामेंट खेलें. बिहार के सिवान जिले में अभिनन्दन की टीम 20 वीं बिहार स्टेट सब जूनियर बॉल बैडमिंटन चैम्पियनशिप अक्टूबर 2013 में विनर बनी. उसके बाद तो जीत का सिलसिला शुरू हो गया फिर अभिनन्दन कई स्कूली और स्टेट लेवल प्रतियोगिता में भाग लेता रहा. 2016  में उसकी टीम सेकेण्ड आयी. अभी अभिनन्दन खेल और लेखन दोनों पर ध्यान दे रहा है. कविता में बाल श्री के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर अभिनन्दन का सेलेक्शन हो चुका है. और स्टेट लेवल पर हुई परीक्षा दे चुका है बस रिज्लट का इंतजार है. अगर उसमे भी सेलेक्शन हो गया तो नेशनल के लिए बाल श्री में जाने का मौका मिलेगा. बचपन में जब एक बार अभिनन्दन को लिखने का सुर चढ़ा  तो एक ही साल में 300 कवितायेँ लिख डाली थीं. उसी को आधार बनाकर प्रभात खबर ने 2012 में उसपर एक खबर छापी थी 'ये हैं पटना के नन्हे शब्दशिल्पी'. उसके बाद दैनिक हिंदुस्तान में लघुकथा व कविता प्रकाशित हुई. दैनिक भास्कर के अहा जिंदगी मैगजीन में कविता एवं लेख, नंदन पत्रिका में कहानी, बालभास्कर में भी कई रचनाएँ छपीं. अभिनन्दन उस यादगार पल को कभी नहीं भूलता जब उसने बॉलीवुड के मशहूर गीतकार राज शेखर और गुलजार जी के सामने अपनी कवितायेँ सुनाई थीं. 

3 comments:

  1. I miss u freind...
    I miss my time which i spent with u in kerla
    Your journey is soo long. god bless u

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  2. This comment has been removed by the author.

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