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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Tuesday 7 November 2017

मशहूर गायिका स्व.गिरिजा देवी की स्मृति में हुआ ठुमरी व गजल गायन का कार्यक्रम

सिटी हलचल
Reporting : BOLO ZINDAGI

कार्यक्रम में बाएं से गायिका रानी सिंह, 'बोलो जिंदगी' के एडिटर
राकेश सिंह 'सोनू', शास्त्रीय गायक रजनीश कुमार एवं गायिका दिव्या रानी
 
पटना, 7 नवम्बर, भाजपा प्रदेश कार्यालय के कैलाशपति मिश्र सभागार में प्रसिद्ध गायिका स्व. गिरिजा देवी जी के स्मृति में श्रद्धांजलि सह सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. जहाँ मैथिलि और भोजपुरी की सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती रंजना झा ने राग वागेश्वरी में (छोटा ख्याल) 'साजन नहीं आये, ऐ री माई...' (दादरा में) 'सांवरिया प्यारा रे मोरी गुईयां....' (ठुमरी में) 'पिया नहीं आये-कारी बदरिया बरसे'.., (भजन में) 'बाबुल मोरा नईहर छूटा जाये...' जैसे गीतों पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. रानी सिंह ने 'चिट्ठी ना कोई सन्देश....' और 'रोज जब आफताब...' साथ ही साथ दिव्या रानी ने 'याद पिया की आये...' और 'आज जाने की जिद ना करो..' जैसे गीतों से गिरिजा जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया.

मंच पर गायिकी प्रस्तुत करती हुई गायिका
 (ऊपर से) रंजना झा, रानी सिंह एवं दिव्या रानी 
वाध यंत्रों में वायलन पर विजय सिन्हा, हारमोनियम पर प्रेम चंद लाल, तानपुरा पर रजनीश झा एवं तबला पर राज शेखर जी ने इनका भरपूर साथ दिया. मंच का सफल संचालन किया जाने-माने गायक सत्येंद्र कुमार संगीत ने. वहीँ इन कलाकारों की हौसला अफजाई के लिए दर्शक दीर्घा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई लोकप्रिय शास्त्रीय गायक रजनीश कुमार एवं संगीतज्ञ डॉ. शांति जैन ने.
     इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता केंद्रीय मंत्री श्री राम कृपाल यादव ने स्व.गिरिजा देवी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद उन्हें श्रद्धा सुमन याद करते हुए कहा कि 'आज हमसब एक ऐसे शख्सियत की श्रदांजलि सभा में उपस्थित हुए हैं जिन्होंने अपनी धरती की मिट्टी की खुशबू सिर्फ देश में नहीं बल्कि दुनिया भर में फैलाने का काम किया. स्व.गिरिजा देवी ने खासतौर पर अपने गजल और ठुमरी के गायन से सबको मंत्रमुग्ध कर रखा था. उनके आज नहीं रहने से देश ने बहुत कुछ खोया है. गिरिजा देवी जैसे चोटी के कलाकार ने देश की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है. भारत की जनता उन्हें कभी नहीं भूल पायेगी.'


श्रद्धांजलि सह सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन करते केंद्रीय मंत्री श्री रामकृपाल यादव 
इस कार्यक्रम का सफल आयोजन करनेवाले कला संस्कृति प्रकोष्ठ के संयोजक वरुण कुमार सिंह ने कहा कि 'गिरिजा जी की पहचान ठुमरी गायन में अंतराष्ट्रीय स्तर पर थी. उन्हें कई तरह के सम्मान से नवाजा गया था. जिसमे पद्मश्री एवं पद्मभूषण जैसे राष्ट्रिय पुरस्कार शामिल थें. उनके जाने से संगीत जगत को बहुत बड़ी क्षति हुई है.' वहीँ कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सह-संयोजक आनंद पाठक ने कहा कि 'गिरिजा जी जैसी गायिका बिरले पैदा होती हैं. शास्त्रीय संगीत विधा में विशेषकर ठुमरी और दादरा गायिकी की इन दो विधाओं में उनका कोई सानी नहीं है.'
                 इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से कला संस्कृति प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री आनंद मिश्रा, बांकीपुर विधायक श्री नितिन नविन, प्रदेश सह संयोजक विनीता मिश्रा, प्रदेश कोषाध्यक्ष सह प्रवक्ता नीरज झा, नीरज दुबे, शैलेश महाजन, मनीष झा, 'बोलो ज़िन्दगी' के एडिटर राकेश सिंह 'सोनू', सिनेमा इंटरटेनमेंट के रंजीत श्रीवास्तव, अमरजीत, मनीष चंद्रेश, अक्षत प्रियेश, चंदू आर्यन एवं कार्यकर्ता बंधू उपस्थित हुए. 

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