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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Saturday, 25 November 2017

'बेटी जिंदाबाद' अभियान के तहत महिला हिंसा के विरुद्ध निकाला गया स्कूटी जागरूकता मार्च

सिटी हलचल
Reporting : BOLO ZINDAGI


कारगिल चौक पहुंचकर 'बेटी जिंदाबाद' के
नारे लगाती स्कूटी जागरूकता रैली

पटना, 25 नवम्बर, एक्शन एड के द्वारा 'बेटी जिंदाबाद' अभियान के तहत महिला हिंसा के विरुद्ध स्कूटी जागरूकता मार्च विधानसभा गोलंबर से कारगिल चौक, गाँधी मैदान, पटना तक निकाला गया जिसे श्रीमती मंजू वर्मा (समाज कल्याण विभाग, बिहार),प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी, एक्शन एड के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री सौरभ कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. इस स्कूटी जागरूकता रैली में शामिल लोगों ने कारगिल चौक, गाँधी मैदान पहुंचकर रैली का समापन करते हुए एक स्वर में यह नारा लगाया कि 'हर बेटी अब कहे पुकार....हमें भी है जीने का अधिकार' और 'दहेज़ नहीं संपत्ति में बराबर का अधिकार चाहिए...हम बेटियों को जन्म लेने का अधिकार चाहिए.' 
इस अवसर पर एक्शन एड के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री सौरभ कुमार ने बताया कि 'हर वर्ष 25 नवम्बर से 10 दिसंबर तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला हिंसा के विरुद्ध एक पखवाड़ा मनाया जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए आज एक राज्य स्तरीय स्कूटी/ मोटरसाइकल द्वारा जागरूकता मार्च का आयोजन विकलांग अधिकार मंच एवं एक्शन एड के 'बेटी जिंदाबाद' अभियान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.'

महिला हिंसा के विरुद्ध स्कूटी जागरूकता रैली को रवाना करते अतिथिगण 
इस मुहीम में एक्शन एड की कार्यक्रम पदाधिकारी शाहदा बारीएकराम, रत्नेश, विकलांग अधिकार मंच की अध्यक्षा कुमारी वैष्णवी, सचिव दीपक कुमार, शुभ राजपूत, ममता भारती, अभिनव आलोक, आदर्श पाठक, आलोक कुमार, लव, रश्मि कुमारी, राधा कुमारी, महिला अधिकार मोर्चा की उषा जी, दलित अधिकार मंच से साधु शरण पासवान, सहयोगी संस्था की रजनी, दोस्तान सफर की रेशमा प्रसाद, साइकल से पूरा इंडिया घूमकर आनेवाली तबस्सुम एवं 'बोलो ज़िन्दगी' के एडिटर राकेश सिंह 'सोनू' के साथ मुजफ्फरपुर, नालंदा, भोजपुर, पटना, बक्सर, नवादा, गया, वैशाली, अरवल, औरंगाबाद, दरभंगा, सहरसा, चम्पारण, पूर्णिया, कटिहार, समस्तीपुर, खगड़िया के साथ-साथ विभिन्न जिलों से 250 स्कूटी/ मोटरसाईकल सहित लगभग 500 अन्य लोग शामिल हुए.'
इस मौके पर श्रीमती मंजू वर्मा ने कहा कि 'एक्शन एड का बेटी जिंदाबाद अभियान सराहनीय है, इसके द्वारा विगत कुछ वर्षों से बेटियों के बीच बहुत जागरूकता आई है और वे अपने अधिकारों के लिए पहले से अधिक सजग एवं मुखर हुई हैं इसलिए इस मुहीम में पूरे समाज को साथ देना चाहिए.'

कुमारी वैष्णवी ने 'बोलो ज़िन्दगी' को बताया कि 'हमें पुरुषों को भी साथ लेकर चलना पड़ेगा, उनको जागरूक करना है कि कदम से कदम मिलाकर चलें. बेटी जन्म लेती है तभी से बेटी जिंदाबाद है. बेटी बहुत कुछ कर सकती है बस उसको एक मौका मिलना चाहिए. अब आप उसकी परवरिश जिस रूप में करेंगे, जो समझायेंगे वैसा ही वो करेगी. अगर उनको ये बताया जाये कि कम हंसना, कम बोलना, धीरे चलना, लोगों का मान सम्मान रखना और किसी की बातें सुनकर रह जाना ही एक अच्छी नारी की पहचान है तो वो वही सीखेगी. फिर वो ससुराल में जाकर पीटेगी, मर जाएगी लेकिन कुछ नहीं बोलेगी. हर चोट को बर्दाश्त करके रहते हुए उनको तो मालूम ही नहीं पड़ता कि उनके साथ हिंसा हो रही है. एक व्यक्ति के जिंदाबाद बोलने से कुछ नहीं होगा इसलिए आज यहाँ सभी समुदाय के लोग एक ही बैनर तले समाज को जागरूक करने के लिए इकट्ठे हुए हैं. ये बहुत ख़ुशी की बात है कि महिलाओं के प्रति इस जागरूकता कार्यक्रम में अधिक संख्या में भागीदारी पुरुषों की रही. 

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