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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Sunday, 28 April 2019

फैमली ऑफ़ द वीक : हास्य कवि विश्वनाथ वर्मा की फैमली, नॉर्थ श्रीकृष्णापुरी,पटना


28 अप्रैल, रविवार को 'बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' के तहत बोलो ज़िन्दगी की टीम (राकेश सिंह 'सोनू', प्रीतम कुमार व तबस्सुम अली) पहुंची पटना के नॉर्थ श्रीकृष्णापुरी इलाके में लाफ्टर गुरु विश्वनाथ वर्मा की फैमली के घर. जहाँ हमारे स्पेशल गेस्ट के रूप में वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक एवं उद्घोषक डॉ. अशोक प्रियदर्शी भी शामिल हुयें.


स्पेशल गेस्ट के साथ 'बोलो ज़िन्दगी' की टीम 


इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है बोलो जिंदगी फाउंडेशन ने जिसकी तरफ से हमारे स्पेशल गेस्ट के हाथों विश्वनाथ वर्मा की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.






फैमली परिचय- 82 वर्षीय विश्वनाथ वर्मा जी बिहार में ग्लैक्सो कम्पनी के हेड हुआ करते थें और मई 1995 में रिटायर्ड हुए. पत्नी गृहणी हैं मंजू वर्मा जिनके नाम को जोड़कर अब वर्मा जी मंजू पति विश्वनाथ वर्मा कहलाना पसंद करते हैं. इनके तीन बच्चे हैं. बड़ा बेटा प्राणनाथ प्राणु जो अमेरिका के फोर्ड कम्पनी में कार्यरत हैं. बहू अर्चना अम्बष्टा अमेरिका के ही स्कूल में टीचर हैं. बेटे के तीन बच्चे हैं. बेटी प्रीति सिन्हा भी अमेरिका के स्कूल में पढ़ाती हैं. विश्वनाथ जी के दामाद अलोक सिन्हा अमेरिका, आईटी सेक्टर में हैं और उनकी बेटियां यानि विश्वनाथ जी की नतिनी हैं श्रुति सिन्हा और अनिका सिन्हा. विश्वनाथ जी के दूसरे बेटे प्रीतम प्रीतू जो जापान में आईबीएम में हैं. इनका छोटा पोता अनिकेत जो जापान में पढ़ रहा है, जब वो 6 ठी क्लास में था उसी समय उसने एक इंटरनेशनल ऑनलाइन एक्जाम 'मैथाथालौन' दिया था, जिसमे उसे वर्ल्ड रैंक वन मिला.
इस कार्यक्रम को अमेरिका से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से
देखती हुई विश्वनाथ जी की बेटी प्रीति सिन्हा की फैमली 
विश्वनाथ वर्मा जी के घर पर जब बोलो जिंदगी का यह कार्यक्रम चल रहा था तभी अमेरिका से उनकी बेटी प्रीति सिन्हा का कॉल आया और फिर अमेरिका से ही पूरे परिवार ने हमारे इस कार्यक्रम को वीडियो कॉलिंग के जरिये ऑनलाइन देखा. मौके पर विश्वनाथ जी के घर उनकी चचेरी बहन निनी वर्मा, भतीजा नवनीत कुमार , भतीजे की पत्नी अनुभूति जो खगड़िया के हाई स्कूल में म्यूजिक टीचर हैं, उनके दोनों बेटे आयुष व अनुभव जिसने जिमनास्टिक में कई अवार्ड जीते हैं, एक और बहू रीना भी मौजूद थीं.


कैसे बनें विश्वनाथ वर्मा जी हास्यसम्राट ?- रिटायरमेंट के बाद घर के सभी लोग बोलते थें कि इतना काम किया जीवन में कि परिवार के बीच समय बिताने की भी फुरसत नहीं मिली. इसलिए अब आप आराम कीजिये. तब विश्वनाथ जी ने कहा कि, आराम करेंगे तो चल बसेंगे. लेकिन सवाल उठा कि आराम नहीं करेंगे तो फिर क्या किया जाये..? और उसी समय इन्होने कहीं पढ़ा कि अगर आप हँसते हैं तो आप ईश्वर की प्राथना करते हैं. और अगर आप किसी दूसरे को हँसाते हैं तो ईश्वर आपको आशीर्वाद देता है, ईश्वर आपके लिए प्राथना करता है. ये बात विश्वनाथ जी के दिमाग में घुस गयी और उसके बाद इन्होने बस हास्य की बातें शुरू कर दीं.

शुरू-शुरू में लोगों ने टोका- शुरुआत में कई लोगों में आलोचना की कि अरे क्या बक-बक-बक करते हो. बहुत तरह की बातें सुनी. पत्नी ने भी कहा लगता है पागल हो गए हैं. लेकिन इन्होने अपना प्रयास नहीं छोड़ा. धीरे-धीरे हास्य के क्षेत्र में पहचान बनने लगी. एक आसु कवि की तरह अपनी प्रस्तुतियां देने लगें. एक दफा अपने बेटे-बेटी के पास जब ये अमेरिका प्रवास पर गए तो वहां की महफ़िल में उनकी हास्य प्रस्तुतियों ने ऐसा मन मोहा कि सभी इंडियंस इनके फैन हो गएँ. वहां सीनियर चैप्टर होता है सीनियर सिटीजनों का जहाँ इनका एक कार्यक्रम हुआ जो 3 घंटे का नॉनस्टॉप 300 लोगों के बीच ये हँसाते रहें. वहां से पहचान बनी. उसके बाद बड़े-बड़े कवि सम्मेलनों में इनका जाना और गोवा, मेघालय व बिहार के राज्यपाल जैसे बड़े नामों द्वारा सम्मानित होने का दौर शुरू हो गया. दैनिक जागरण बागवान क्लब के हास्य रत्न बनें. एशिया के सबसे बड़े गांव यू.पी. के गहमर में बुलाकर इनको विशेष तौर पर सम्मानित किया गया. हास्य कवितायेँ सुनाते -सुनाते 2017 में इन्हे लाफ्टर योगा टीचर की जिम्मेदारी भी दे दी गयी जिसका बखूबी इन्होने निर्वाह किया. श्री कृष्णापुरी पार्क में सैकड़ों लोगों को ये घंटो हँसाते रहें. इसका वीडियो किसी ने व्हाट्सअप पर डाल दिया. जो वायरल होते हुए वर्ल्ड लाफ्टर गुरु डॉ. मदन कटारिया के पास पहुँच गया और फिर उन्हें लाफ्टर यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग के लिए न्योता आया जहाँ जाने पर कई देशों से आये हास्य कवि चौंक गएँ कि 80 साल की उम्र का यह आदमी कितनी एनर्जी के साथ लोगों को हंसाता है...सभी जानना चाहते थें कि आखिर इनकी सेहत का राज क्या है..! 

विश्वनाथ जी को हास्य के क्षेत्र में मिला सम्मान - समन्वय श्री, हास्यरत्न, हास्यावतार, बिहार गौरव, हास्यरसावतार, पंडित गोवर गणेश स्मृति सम्मान.


निनी वर्मा ने भी दिखाया टैलेंट - मौके पर मौजूद विश्वनाथ वर्मा जी की चहेरी बहन निनी वर्मा जो हाजीपुर, बी.डी.पब्लिक स्कूल में प्राइमरी सेक्शन की टीचर हैं कुछ लोकगीत सुनाया. बचपन से ही विद्यापति जी के गीत गाने का शौक था. मिथिला का चर्चित लोकगीत और सास-बहू की नोकझोंक पर आधारित गीत सुनाया जिसकी सभी ने खूब सराहना की.

https://www.youtube.com/watch?v=ebODZ5nKk-I&t=6s

सन्देश: मौके पर बतौर स्पेशल गेस्ट डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने अपने सन्देश में कहा कि - "मनुष्य की जिंदगी में सुख-दुःख दोनों बराबर रूप में रहता है. कुछ लोग दुःख को ही ढ़ोते रहते हैं और सुख को नहीं अपना पातें. ज़िन्दगी ईश्वर ने दी है कुछ काम करने के लिए और काम के साथ हंसी-मजाक का वातावरण बनाये रखने के लिए. आज की जो युवा पीढ़ी दुःख में डूबी हुई है फ्रस्टेट होकर जो सोचती है कि मैं कुछ कर नहीं सकता, क्यूंकि ये रास्ता बंद है, वो रास्ता बंद है. उसे उन्ही रास्तों में से ही अपना लक्ष्य ढूंढ निकालना होगा, क्यूंकि कोयले में से ही हीरा निकलता है. और हास्य कवि विश्वनाथ जी आज 80 प्लस में हैं और ये साबित कर चुके हैं कि वो आज भी 20-22 साल के युवा हैं. इसलिए जीवन ठहराव नहीं है, हमें हँसते हुए गुजरना है.



2 comments:

  1. हैरान ,परेशान लोगों को हास्य रस से विभोर करने की आपकी अद्भुत विशेषता का मैं हृदय से सम्मान करता हूँ..

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  2. आपका जीवन स्वयं एक प्रेरणा है। इसी तरह हँसते रहिए, हँसाते रहिए। आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना।

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