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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Sunday 14 April 2019

फैमली ऑफ़ द वीक : शास्त्रीय गायक रजनीश कुमार की फैमली, अनीसाबाद, बेउर, पटना

14 अप्रैल, रविवार को 'बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' के तहत बोलो ज़िन्दगी की टीम (राकेश सिंह 'सोनू', प्रीतम कुमार तबस्सुम अली) पहुंची पटना के अनीसाबाद, बेउर इलाके में बिहार के जानेमाने मशहूर शास्त्रीय गायक रजनीश जी की फैमली के घर. जहाँ हमारे स्पेशल गेस्ट के रूप में स्कॉलर्स एबोड स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. बी.प्रियम भी शामिल हुईं.



स्पेशल गेस्ट के साथ बोलो जिंदगी की टीम 



इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है बोलो जिंदगी फाउंडेशन ने जिसकी तरफ से हमारे स्पेशल गेस्ट के हाथों रजनीश कुमार जी की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.












फैमली परिचय- शास्त्रीय गायक रजनीश कुमार के संस्थान में हर उम्र वर्ग के लोग क्लासिकल-वोकल सीखने आते हैं. इनकी पत्नी बिन्नी बाला राजकीय त्रिभुवन उच्च मध्य विधालय, नौबतपुर में संस्कृत की शिक्षिका हैं. बिन्नी बाला भी गायन से जुड़ी हैं.



इनको एक बेटा और एक बेटी है. बेटा अथर्व डीपीएस में 7 वीं क्लास में और सवा तीन साल की बेटी हिया ने अभी प्ले स्कूल जाना शुरू किया है. रजनीश जी के पिता श्री मुद्रिका शर्मा जो रिटायर्ड संस्कृत शिक्षक हैं. बिन्नी बाला जी की ननद पूनम कुमारी भी साथ में रहती हैं, उनके दो बच्चे हैं. रजनीश जी का भांजा राहुल बीसीए करके मुजफ्फरपुर, जीविका में जॉब करते हैं. भांजी प्रियंका प्रियदर्शी पटना वीमेंस कॉलेज में बीए सेकेण्ड ईयर की स्टूडेंट है.

रजनीश जी का संगीतमय सफर -  रजनीश जी बचपन से ही संगीत सीखना फिर कम उम्र में ही संगीत सिखाना शुरू कर दिए थें. धीरे-धीरे संगीत सिखाते-सिखाते संगीत में ही वो इतना रम गएँ कि संगीत ही उनका सबकुछ हो गया. संगीत सीखनेवाले उनके विद्यार्थियों की जब संख्या बढ़ी फिर रजनीश जी ने जॉब करने का कभी सोचा ही नहीं. 2012 में बिहार के मुख्यमंत्री के हाथों बिहार कला पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. दो बार संगीत नाटक अकादमी अवार्ड के लिए बिहार से नॉमिनेट भी हुए हैं. मुजफ्फरपुर में बिहार आइडियल के लिए एक कम्पटीशन होता है जिसमे जजमेंट के लिए हर साल ये जाते हैं. इसके अलावा भी युवा महोत्सव जैसे कई आयोजनों में जजमेंट कर चुके हैं. बहुत से स्टूडेंट जो यूनिवर्सिटी में फॉर्मल एजुकेशन ले रहे हैं लेकिन प्रैक्टिकली संगीत सीखने के लिए रजनीश जी के पास आते हैं.

रजनीश जी के बेटे अथर्व का टैलेंट - अथर्व स्कूल की पढ़ाई के साथ साथ म्यूजिक में शुरू से ही बहुत खास रहे हैं. दैनिक हिंदुस्तान द्वारा बिहार में आयोजित सिंगिंग कॉन्टेस्ट रॉकस्टार में जूनियर वर्ग में सेकेण्ड आ चुके हैं. पटना में होनेवाले बसंतोत्सव सिंगिंग कॉन्टेस्ट में भी फर्स्ट आ चुके हैं. ज़ी टीवी सारेगामापा के लिटिल चैम्प 2017 के लिए पटना से 500 बच्चों में से सेलेक्ट होकर दिल्ली गए थें. और अभी हाल ही में सोनी टीवी के लिए सिंगिंग सुपरस्टार के लिए अथर्व पटना से सेलेक्ट होकर कोलकाता ऑडिशन तक गए थें. अथर्व को क्रिकेट खेलना भी बहुत पसंद है लेकिन संगीत में ही वो करियर बनाने का लक्ष्य है. बोलो जिंदगी की फरमाईश पर अथर्व ने भी एक उम्दा क्लासिकल गीत पेश किया.




हिया का टैलेंट - हिया अभी सवा तीन साल की है और अभी एक हफ्ता हुआ है प्ले स्कूल जाते हुए. घर का मौहौल देखते हुए हिया का म्यूजिक के प्रति औब्जर्वेशन कमाल का है. तानपुरा शुरू होते ही हिया भी शुरू हो जाती है. बहुत सारे कठिन बंदिश भी ये गा लेती है. पुरियाधनासी जो एक सीनियर बच्चों का राग है ये उसकी बंदिश भी गा लेती है. इसके अलावे भीम पलासी, खमाज और यमन भी गाती है. जैसे जैसे उस राग में सुर लगता है वैसे ही वो सुर लगाती है, उसे बताना नहीं पड़ता क्यूंकि वह पापा को सुन रही है रोज. उसे याद नहीं कराना पड़ता. हिया फ़िल्मी गानों में पुराने, नए और गजल भी गाना पसंद करती है. बोलो जिंदगी टीम ने भी महसूस किया कि नन्ही हिया का जब मूड बने तब ही आप उससे गाने गवा सकते हैं, वरना वह गोल-मोल बातें करके घुमा देगी. जब हिया को गाने के लिए फुसलाया गया तो उसने पहले माइक लाने की जिद्द की, फिर जब वो चालू हुई तो एक-से-एक गाने सुनाकर ही मानी और कमाल की बात कि गाने खत्म होते ही वह खुद ही वाह-वाह कर उठी.

जब बोलो जिंदगी टीम ने रजनीश जी की पूरी फैमली को जमा किया एक फैमली पिक्चर लेने के लिए तो उसी दरम्यान बिन्नी बाला जी ने कहा कि "हमलोग इतने साल से एक साथ घर में रह रहे हैं लेकिन कभी कोई संयोग ही नहीं बना कि सभी का एक फैमली पिक्चर लिया जाये...चलिए आज आपलोगों के आने से वो भी हो गया."



संदेश: स्पेशल गेस्ट डॉ. बी. प्रियम ने कहा कि - "जितने भी बच्चे हैं मैं उनसे बोलना चाहूंगी की जो भी हुनर उनके पास है उसकी प्रैक्टिस वो बहुत छोटे से करना शुरू करें. और इतनी प्रैक्टिस एवं इतना हार्ड वर्क करके वो किसी भी ऊंचाई पर जा सकते हैं, जो बनना चाहें वो बन सकते हैं."



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