11 दिसंबर, पटना कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय में पूर्वाहन 11:30 बजे मेधा फाउंडेशन के तत्वावधान में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और कॅरियर द्वन्द्ध को लेकर आज डॉ॰ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक द्वारा बङी संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं के जिज्ञासा का समाधान किया गया . इस कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों के अभिवादन व स्वागतकर्ता फाउंडेशन की निधि राय द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर डॉ॰ मनोज द्वारा बताया गया की पटना कॉलेज सूबे का एक ऐतिहासिक महाविद्यालय है। यह विधालय अपने यहाँ के छात्रों के प्रतिभा से जाना जाता है। स्टुडेन्ट जीवन में कॅरियर एक अहम पङाव है। इस समय छात्रों को बहुत तरह की मानसिक परेशानियों का सामना करना पङता है। खासतौर से उन युवाओं में जो अपने शैक्षणिक उपलब्धि से संतुष्ट नही होते।उनके भीतर असंतोष की भावना से बहुत सारे मनोविकार उत्पन्न हो जाते हैं। इन सब से उनका चयनित कॅरियर प्रभावित व अव्यवस्थित हो जाता है। विद्यार्थियों में पहचान संकट एक बङा मसला है। अपने खराब मानसिक स्वास्थ्य की वजह से वह अपना वजूद सोशल मीडिया में तलाशते है। कुछ मामले में नकली आइडी बनाकर गर्लफ्रेंड या व्यायफ्रेड की तलाश करते हैं। फिर आर्टीफिशियल इंमोशन्स का सहारा लेकर खुद को दिलासा दिलाते हैं। इन सब में उनका ज्यादातर समय निकल जाता है और युवावस्था की यह उर्वर समय कॅरियर पर फोकस के बजाय कहीं और चला जाता है। इस अवसर पर डॉ॰ कुमार छात्रों को इस बात पर जोर देने की बात करते हैं की जिन युवाओं में अपने परिवार से जुङने और उनसे उचित संवाद स्थापित करने से मनचाहे प्रोफेशन में सफलता जल्दी मिल जाती है। अपनो से बङे लोगों के सान्निध्य में रहने से मन से असुरक्षा की भावना घटती है और तनाव का निवारण भी होता है। इस तरह के प्रैक्टिस दिनचर्या में शामिल करने से आत्मविश्वास में बढोतरी व अपने भीतर मौजूद क्षमताओं का आंकलन युवा मन कर सकता है।
सेमिनार में बङी संख्या में युवाओं ने अपने मन के उलझन से संबंधित सवाल पूछे, जिनका जवाब डॉ॰ कुमार द्वारा सरलता से दिया गया। इस कार्यक्रम में करीब 150 विद्यार्थियों,शिक्षको व अन्य शिक्षकेत्तर कर्मियों सहित वरिष्ठ लोगों ने शिरकत की।
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