पटना, 17 फरवरी, आज उठी है आवाज़ मासिक अखबार की ओर से आयोजित कार्यक्रम, 'आओ कुछ अल्फाज़ कहें' पुलवामा शहीदों को समर्पित किया गया। पटना साहित्य सम्मलेन में आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजक थें अश्विनी कुमार कविराज व संचालक रहीं अभिलाषा सिंह.
सर्वप्रथम राष्ट्रगान गाया गया तथा शहीदों के लिए मौन रखा गया. मुख्य अतिथि के रूप में डॉ• गुरु रहमान ने पुलवामा के शहीदों को नमन करते हुए और देश के युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि "जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्र सेवा को तत्पर रहे। उन्होने कहा कि सबसे पहले देश के गद्दारों का सफाया करना जरुरी है ताकि राष्ट्र अक्षुण्ण बना रहे।" कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के वरुण कुमार सिंह ने कहा कि "राष्ट्र शहीदों के साथ खड़ा है और हर सम्भव मदद की जाएगी और इसका बदला लिया जाएगा।" उन्होने इस कार्यक्रम के प्रति युवाओं के प्रयास की सराहना की एवं आशीर्वाद दिया।
प्रतिभागी को सम्मानित करते अश्विनी कविराज |
द्वितीय सत्र में हुआ कवि सम्मेलन
सुपर-30 फिल्म के चाइल्ड आर्टिस्ट घनश्याम, सूरज, नवीन, सन्नी, कृष्ण, रौशन आदि बच्चों ने अपनी भावनाएँ रखी। सलमान द्वारा ऐ वतन गीत प्रस्तुत किया गया जिसने महफ़िल को भावपूर्ण बना दिया।
औरंगाबाद के ओज कवि कुश सिंह आज़ाद 'भारत' ने 'चुप्पी तोड़ो कूच कर जाओ युद्ध करो अब मोदी जी, दुश्मन को रण में पटको ऐसा प्रबंध करो अब मोदी जी' सुनाया। दिल्ली के तारीफ़ नियाजी ने सुनाया 'बचा लो अपना हिंदुस्तान.....', अमित कश्यप द्वारा 'रंग दे बसंती चोला....' गाकर देशभक्ति में लोगों को झूमा दिया। अमृतेश मिश्र द्वारा, 'बुरी नज़रें भी मेरा खाक कुछ बिगाड़ेंगी, माँ के हाथ से टिका लगा निकलते है'.......सुनाया। इस अवसर पर परवेज़, नैतिक, साइस्ता अंजुम, शिवांगी सौम्या, मीरा श्रीवास्तव, अंकित मौर्य, रजनीश कुमार गौरव, शिवम झा, शिवम कुमार, शुभम सहाय, गोपाल जी गुप्ता, अभिषेक आज़ाद, शैलेश वर्मा, सुशांत सिंह, शाहिद रज़ा, हिमांशु गौरव, अनमोल सावर्ण, विकास कुमार सिंह, स्तुति झा, निधि कुमारी, सुबोध कुमार सिन्हा, इरशाद फतेह, सलमान आदि ने भी काव्यपाठ किया। धन्यवाद ज्ञापन अश्विनी कुमार कविराज ने किया।
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