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'बोलो ज़िन्दगी' ऑनलाइन मैगजीन के एडिटर हैं राकेश सिंह 'सोनू'

Sunday 3 February 2019

'बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' : महिला ऑटोरिक्शा चालक फैमली, भूतनाथ रोड

माँ वैष्णवी ज्वेलर्स के सौजन्य से ऑटो रिक्शा चालक फैमली
को आकर्षक गिफ्ट भेंट करती हुईं स्पेशल गेस्ट अमृता सिंह 


3 फरवरी, रविवार की शाम 'बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' के तहत आज बोलो ज़िन्दगी की टीम (राकेश सिंह 'सोनू', प्रीतम कुमार व तबस्सुम अली) पहुंची पटना के भूतनाथ रोड स्थित महिला ऑटो रिक्शा ड्राइवर कंचन के घर. जहाँ हमारी स्पेशल गेस्ट नव-अस्तित्व फाउंडेशन की संस्थापक अमृता सिंह भी शामिल हुईं.




बोलो ज़िन्दगी की टीम









इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है रामनगरी आशियाना नगर, पटना के 'माँ वैष्णवी ज्वेलर्स' ने जिनकी तरफ से हमारी स्पेशल गेस्ट के हाथों कंचन की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.



आमतौर पर कंचन के लिए कोई दिन छुट्टी का नहीं होता, वे सुबह 6 बजे जो ऑटो रिक्शा लेकर निकलती हैं तो फिर शाम को ही घर लौटती हैं. जब हम उनके घर पहुंचे तो पता चला कि आज वे ऑटो चलाने निकलीं ही नहीं. पूछने पर कंचन ने बताया कि "आज पटना में रैली था ना....बहुत बार रैली में गए हैं तो लाठीचार्ज होते देखा है. अगर मेरे ऑटो का शीशा तोड़ दिया तो 2500 सौ का शीशा हम कहाँ से लगवाएंगे. इसी डर से नहीं गएँ हम." फिर जब हमने उन्हें बताया कि "शायद कल भी पटना बंद की घोषणा हुई है...कल क्या करेंगी..?" इसपर कंचन फर्माती हैं- "बंद रहेगा तो हम जायेंगे ही नहीं, क्यूंकि बहुत तरह की बात होती है. ऐसे में तो हमारा दो दिन मारा जायेगा. लेकिन हम कर क्या सकते हैं..सब तो अपना-अपना देखता है."

ऑटोरिक्शा चालक कंचन की फैमली  
फैमली परिचय- महिला ऑटो ड्राइवर कंचन देवी अपनी तीन बेटियों के साथ कई वर्षों से भूतनाथ रोड इलाके में ही रहती आ रही हैं. वे 2013 से ही ऑटो रिक्शा चला रही हैं. तब पति प्लंबर मिस्त्री का काम करते थें. बहुत शराब पीने की वजह से लिवर डैमेज हो गया. बहुत इलाज कराया लेकिन एक दिन उनका देहांत हो गया. ससुरालवालों ने छोड़ दिया. पिता जी और अगल-बगल वालों ने थोड़ा हेल्प किया. स्टेशन से ऑटो चलाती हैं. इनकी तीनों बेटियां स्कूल में पढ़ती हैं. दो सरकारी स्कूल में तो एक प्राइवेट में. अर्चना 10 वीं में, दीपा 8 वीं में तो आँचल कुमारी 6 ठी क्लास में पढ़ रही हैं.

नव-अस्तित्व फाउंडेशन की अमृता सिंह कंचन की
 फैमली को मेंस्ट्रुअल हाइजीन किट भेंट करते हुए
जब नव-अस्तित्व फाउंडेशन की अमृता सिंह ने कंचन से पूछा कि "ऑटो रिक्शा चलाने के दौरान क्या कभी छेड़खानी का भी शिकार होना पड़ा है..?" तब कंचन ने बताया कि "हाँ एक-दो बार तब जब शराबबंदी लागू नहीं थी. नशे की हालत में लोग मेरे पास आगे वाली सीट पर बैठ जाया करते थें...लेकिन फिर उसके बाद कभी मेरे साथ छेड़खानी वाली बात नहीं हुई."
हमारी आज की स्पेशल गेस्ट अमृता सिंह ने अपने नव-अस्तित्व फाउंडेशन की तरफ से कंचन और उनकी बच्चियों को मेंस्ट्रुअल हाइजीन किट भी भेंट किया. और मौके पर ही कंचन से कहा कि "मैं आपकी बेटियों को अपनी संस्था से जोड़ना चाउंगी और उन्हें ट्रेनिंग भी दूंगी ताकि वे घर बैठे ही पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम कुछ काम करके घर-गृहस्थी चलाने में आपकी हेल्प कर सकें."

सन्देश- कंचन की फैमली से मिलकर विदा होने से पहले बोलो जिंदगी की स्पेशल गेस्ट अमृता सिंह ने यह सन्देश दिया कि "परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए, उसका सामना करना चाहिए. और जैसा कि कंचन ने किया है तो इनके जैसी महिलाएं एक प्रेरणास्रोत हैं समाज के लिए."





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