फौजी फैमली को आकर्षक गिफ्ट भेंट करते हुए संजय कुमार पांडेय |
बोलो जिंदगी टीम |
इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है रामनगरी आशियाना नगर, पटना के 'माँ वैष्णवी ज्वेलर्स' ने जिनके सौजन्यसे हमारे स्पेशल गेस्ट के हाथों स्व.धुनेश्वर प्रसाद जी की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.
लांस नायक स्व. धुनेश्वर प्रसाद सिंह की फैमली |
फैमली परिचय- लांस नायक स्व. धुनेश्वर प्रसाद सिंह की पत्नी फूलसुंदरी देवी का सुसराल आरा में है. इनके तीन बच्चे हैं, दो बेटा और एक बेटी. बेटी की शादी कर चुकी हैं. इनकी तबियत खराब रहने की वजह से बड़े बेटे पवन जो प्राइवेट जॉब करते हैं कि जल्दी शादी करा दी गयी थी. पवन के तीन बच्चे हैं. फूलसुंदरी देवी के छोटे बेटे श्रवण कुमार अभी गोरखपुर के इको बैंक में पोस्टेड हैं.
फूल सुंदरी देवी खुद एक फौजी परिवार से हैं इसलिए फौजियों का दुःख-दर्द बखूबी समझती हैं. देश के मौजूदा हालात पर उन्होंने 'बोलो ज़िन्दगी' से कहा कि "सेना का कोई भी फौजी भाई जब देश के लिए शहीद होता है तो बड़ा दुःख होता है जैसे लगता है मेरा ही परिवार का कोई चला गया. हमारे देश ने कभी किसी के साथ नाजायज नहीं किया है. अभी जो भी प्रतिक्रिया इधर से हुई है वो भी बहुत ज़रूरी था करना.
क्या हुआ था स्व. लांस नायक धुनेश्वर सिंह जी के साथ ? - आज से करीब 24 साल पहले लांस नायक धुनेश्वर प्रसाद सिंह जब शिमला में फ़ौज की ड्यूटी पर थें, एक रोज ड्यूटी पर जाते वक़्त दुर्घटनावश उनकी गाड़ी ड्राइवर सहित खाई में गिर गयी और उनका देहांत हो गया. तब उनके साथ उनकी पत्नी और तीनों बच्चे शिमला में ही थें. बड़ा बेटा पांच साल का था, बेटी तीन साल की तो छोटा बेटा महज डेढ़ साल का था.
क्या बताया स्व.फौजी की पत्नी ने ? - "मैं शिमला में ही थी तो मुझे तो उसी क्षण इस हादसे की खबर मिल गयी लेकिन बाकी परिवारवालों को बाद में पता चला. तब टेलीग्राम का जमाना था तो वहां से टेलीग्राम के जरिये सन्देश मिला कि मेरे पति के साथ ऐसा हादसा हो गया है. घर में बीमार बुढ़ी सास थीं इसलिए किसी ने उस वक़्त उनको कुछ नहीं बताया. फिर बाकी के परिवारवाले यह खबर सुनकर हमारे पास तुरंत शिमला चले आएं. वे मुझे और बच्चों को लेकर हमेशा के लिए मेरे ससुराल आरा चले आएं. उस वक़्त मेरा बच्चा बहुत छोटा था नहीं तो मेरे पति की जगह पर उसकी जॉब लग गयी रहती. जब बेटा बड़ा हुआ और उसे भी सेना में जाने का मन हुआ तो उसकी कम हाइट एक वजह बन गयी. फिर काफी दौड़-भाग करने के बाद कुछ नतीजा नहीं निकला तो मैंने ही जाना छोड़ दिया. लड़के तो अब जॉब कर रहे हैं लेकिन तब पेंशन के सहारे ही जिंदगी आगे बढ़ रही थी. पति कहा करते थें कि हम जितने में हैं उसी हिसाब से बच्चों को लायक बनाएंगे."
सन्देश- लांस नायक स्व. धुनेश्वर प्रसाद सिंह की फैमली से विदा लेने से पहले हमारे स्पेशल गेस्ट पूर्व फौजी संजय कुमार पांडेय जी ने अपने सन्देश में यही कहा कि "अपने कार्यकाल के दौरान 7-8 साल हमने भी जम्मू-कश्मीर में बिताया है और आतंक को बहुत करीब से देखा है. हमारे देश की जनता को अपनी आर्मी पर पूरा भरोसा है. हमारे देश का उद्देश्य है आतंकवाद को जड़ से खत्म करना. और उसी के तहत जो हाल ही में एयरफोर्स का सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है वो हम सब देशवासियों के लिए ख़ुशी की बात है. क्यूंकि हमारी सेना ने पाकिस्तान की सेना को निशाना नहीं बनाया बल्कि पाकिस्तान की जमीं पर पल रहे आतंकवादियों को अपना निशाना बनाया. हालाँकि युद्ध या लड़ाई में नुकसान हमारा भी होगा लेकिन विरोधियों को उचित जवाब देना भी ज़रूरी है ताकि हमारे देश की सेना का आत्मविश्वास ना डगमगाए."
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