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'माँ वैष्णवी ज्वेलर्स' के ऑनर संतोष कु. सोनी उर्फ़ पप्पू जी मुंद्रिका जी की फैमली को आकर्षक गिफ्ट भेंट करते हुए |
24 फरवरी, रविवार को '
बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक' के तहत बोलो ज़िन्दगी की टीम (
राकेश सिंह 'सोनू', प्रीतम कुमार, तबस्सुम अली व अनमोल अंशु) पहुंची पटना के राजीव नगर स्थित पास्टर
मुंद्रिका जी की फैमली के घर. जहाँ हमारे स्पेशल गेस्ट
माँ वैष्णवी ज्वेलर्स के ऑनर
संतोष सोनी उर्फ़
पप्पू जी भी शामिल हुयें. इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है रामनगरी आशियाना नगर, पटना के
'माँ वैष्णवी ज्वेलर्स' ने जिनके सौजन्य से हमारे स्पेशल गेस्ट संतोष सोनी जी के हाथों पास्टर मुंद्रिका जी की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.
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बोलो ज़िन्दगी की टीम |
फैमली परिचय- मुंद्रिका जी ईसाई समुदाय से जुड़कर पास्टर के रूप में समाज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. किराये के घर पर रहते हैं और किराये की ज़मीन पर ही दो जगह इनकी अपनी नर्सरी है और यही इनका फैमली बिजनेस है. नर्सरी की पूरी देखभाल इनकी पत्नी
संजू सिंह करती हैं और सही मायनों में वही अब इनके द्वारा शुरू किये गए नर्सरी बिजनेस को संभाल रही हैं. इनके चार बच्चे हैं, तीन लड़की और एक लड़का. बड़ी बेटी
रूबी अभी मैट्रिक का इक्जाम दे रही हैं.
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पास्टर मुंद्रिका जी की फैमली |
कब से कर रहे हैं नर्सरी का बिजनेस ? - बेगूसराय से ताल्लुक रखनेवाले मुंद्रिका जी 2000 में पटना आकर बस गएँ. बागवानी का शौक भी था तो इसी विषय से कानपुर यूनिवर्सिटी, इलाहबाद से ग्रेजुएशन करने के बाद इन्होने नर्सरी का छोटा व्यवसाय शुरू कर दिया. तब पटना में जगह मिलना भी मुश्किल था. इन्हें आधे कट्ठा ज़मीं के लिए भी 8 साल इंतज़ार करना पड़ा. तब कृष्णानगर में कोई ज़मीन दिया वहां से स्टार्ट कियें. अभी दो जगह नर्सरी है, एक यहाँ राजीव नगर में तो दूसरा है बंदर बगीचा में. एक और काम ये निजी या सार्वजनिक रूप से कॉन्टेक्ट पर करते हैं, शहर में पलांटेशन और गार्डेन, लॉन, पार्क के सौंदर्यीकरण का काम.
कैसे जुड़ें ईसाई समाज से? - क्रिश्चन समाज से मुंद्रिका जी 1991 में जुड़ें. इस समाज की एक बात इन्हे बहुत आकर्षित कर गयी कि चाहे छोटा-बड़ा हो, गरीब-अमीर हो सबको एक बराबर सम्मान मिलता है. यहाँ कोई ऊंच-नीच, भेदभाव नहीं है. यही बातें इनके दिल को छू गयीं इसलिए वे क्रिश्चन समुदाय से जुड़ गएँ. मुंद्रिका जी ने बताया कि "एक धर्म परिवर्तन होता है और एक होता है मन यानि हृदय परिवर्तन. तो मैंने धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि स्वेच्छा से मन परिवर्तन किया है और परमेश्वर के बताये मार्ग पर बढ़ता गया. मैंने महसूस किया है कि सच्चे लोगों का साथ परमेश्वर कभी नहीं छोड़ता है."
तब क्या हुआ था चमत्कार ? - बोलो ज़िन्दगी के साथ विशेष बातचीत में पास्टर मुंद्रिका जी ने एक दिलचस्प वाक्या सुनाते हुए कहा कि "हमारी ज़िन्दगी में भी एक बहुत बड़ी समस्या आयी थी 1992 में और उस वक़्त हम
मधेपुरा में रहते थें. वहां भी हमारा चार एकड़ में नर्सरी था. वहां के स्थानीय ग्रामीण लोगों द्वारा हमें सताए जाने कि एक योजना बनायीं गयी क्यूंकि हम
बेगूसराय से नए-नए आकर वहां बसे थें और अपना व्यवसाय शुरू किये थें. उनकी योजना थी एकजुट होकर हमें मारपीटकर वहां से रातों-रात भगा देने की. उसी रोज हमारे पास रात में एक परमेश्वर का दास आया था और उसने कहा कि -आप पति-पत्नी चिंतित ना हों, आपको कुछ नहीं होगा, हम ईश्वर से आपके लिए प्रार्थना करेंगे, आप पति- पत्नी जाकर आराम से सो जाइये... फिर मेरे घर के गेट के पास बैठकर वह प्रार्थना करने लगा और उसने पूरी रात जागकर हमारे लिए प्रभु से प्रार्थना की.
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'बोलो ज़िन्दगी' के साथ बातचीत करते हुए पास्टर मुंद्रिका जी |
और आधी रात को ही स्थानीय ग्रामीणों ने हमारे घर पर हमला कर दिया. हमें तंग करने के लिए कुल 70-80 लोग जमा हो गएँ. लेकिन एक चमत्कार हुआ कि जिधर से वे लोग हमपर अटैक करना चाहते थें हमारी बाउंड्री के अंदर उधर से हमारी रक्षा के लिए कुछ पवित्र आत्माएं (स्वर्ग दूत) आ गयीं और हर 10 फिट पर हमलावर गांववालों को रोकने के लिए वो खड़ी हो गयीं. उन्हें देखकर हमलावर ग्रामीण लोग भयभीत हो कर वापस लौट गएँ. ग्रामीण लोगों को यही लगा कि हमने अपनी सुरक्षा के लिए पहले से ही भाड़े पर कुछ आदमियों की व्यवस्था कर रखी है. इस घटना ने मुझे अंदर तक झकजोड़ कर रख दिया और तभी से मुझे ईश्वर के प्रति विश्वास और बढ़ गया कि दुनिया में परमेश्वर के दूत हैं जो परमेश्वर के अनुयाइयों की रक्षा करते हैं. उसके बाद कई घटनाएं और चमत्कार मेरे जीवन में घटित होते गएँ. उस विश्वास के तहत आगे बढ़ने की वजह से हम आज एक पादरी के रूप में काम कर रहे हैं. जिसके तहत हम घर-घर लोगों के बीच में जाते हैं, कभी लोग हमें बुलाते हैं और उनकी समस्याओं, बीमारियों को जानकर उसे दूर करने के लिए हम प्रर्थना करते हैं और प्रर्थना के द्वारा वे चंगे होते हैं. तो कह सकते हैं कि परमेश्वर लोगों को जीवन में शांति देता है और वही शांति दिलाने के बीच का काम हमलोग करते हैं.
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बागवानी के बारे में जानकारी देती हुईं संजू सिंह |
पास्टर मुंद्रिका जी की पत्नी संजू सिंह कहती हैं - शुरू में हसबैंड नर्सरी का सारा काम देखते थें और मैं सिर्फ सहयोग करती थी लेकिन अब मैं ही नर्सरी संभालती हूँ और इससे जुड़ा बाहर का काम हसबैंड देखते हैं.
नर्सरी में कम-से-कम हज़ार प्रजाति के प्लांट हैं जो समय के अनुसार तैयार किया जाता है. हर्बल प्लांट में एलोवेरा, अश्वगंधा, सर्पगंधा,तुलसी,बच इत्यादि प्लांट लोगों के स्वास्थ के लिए कारगर हैं. मेरे पास फ्लावर में एक नया प्रजाति है, अजरेलिया जो बहुत कम नज़र आता है और महंगा भी होता है.
सन्देश- मुंद्रिका जी की फैमली के यहाँ से विदा होने से पहले 'बोलो जिंदगी' के स्पेशल गेस्ट
संतोष सोनी उर्फ़
पप्पू जी ने यह सन्देश दिया कि "वे युवा व्यवसायी जो कुछ अलग हटकर करना चाहते हैं उनसे हम यही कहना चाहेंगे कि अच्छे बिजनेस के चार मन्त्र हैं, पहला है ईमानदारी, दूसरा समझदारी, तीसरा है समय पर काम और चौथा है आप जो बोलते हैं वही करें. अगर आप ये चारो मन्त्र जानकर अमल में लाएंगे तो गली के किसी कोने में रहेंगे आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता."