सशक्त नारी
By: Rakesh singh 'Sonu'
भागलपुर की शाजिया कैसर बिहार के पहले शू लॉन्ड्री 'रिवाइवल शू लॉन्ड्री' की मालकिन हैं. पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट शाजिया इससे पहले डब्लू.एच.ओ. एवं यूनिसेफ में भी काम कर चुकी हैं. तब अपनी डॉक्टरी प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने एक पत्रिका में 'शू लॉन्ड्री' पर एक आर्टिकल पढ़ा और तभी से वो इतना प्रभावित हुईं कि बिहार में इस बिजनेस को स्टार्ट करने का मन बनाया. जॉब के साथ साथ रिसर्च वर्क जारी रहा और उसी सिलसिले में वो भूटान और ऑल ओवर इंडिया के पूणा, मुंबई, चेन्नई इत्यादि ब्रांच में जाकर ट्रेनिंग ले आयीं. शू लॉन्ड्री की शुरुआत करने से पहले ही घर एवं ससुराल के लोग खिलाफ हो गएँ. ताने मारने लगें कि ये मोची वाला काम छोड़कर कोई और काम शुरू करो. लेकिन शाजिया को इस नए बिजनेस और अपने आप पर पूरा विश्वास था.फिर पति का साथ मिलते ही दिसंबर 2012 में पटना के अल्पना मार्केट(न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी) में 3 स्टाफ के साथ बिहार की पहली शू लॉन्ड्री की नींव रख डाली. जहाँ क्लीनींग, पॉलिशिंग,शोल रिप्लेसिंग, पेस्टिंग, नेट चेंजिंग का काम होता है. शाजिया की शू लॉन्ड्री में देसी से लेकर विदेशी और आम से लेकर खास तबकों के जूते भी आते हैं जिनमे मुख्यमंत्री के जूते भी शामिल हैं.
शाजिया बिहार में अपनी कम्पनी के ब्रांच खोलने की तयारी में हैं. वे अन्य राज्यों उड़ीसा, झाड़खंड, छत्तीसगढ़, रोहतक आदि में शू लॉन्ड्री खोलनेवालों को ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं. 2013 में वूमेंस डे पर इनोवेशन फिल्ड में साल की चार महिलाओं में से एक इनका भी चयन हुआ था. इनके प्रयासों के लिए इन्हें बिहार इंडस्ट्रियल एसोसिएशन और 2016 में सिनेमा इंटरटेनमेंट ने सशक्त नारी अवार्ड से सम्मानित किया है. अभी हाल ही में इण्डिया इनिशिएटिव के तहत देशभर में 6 स्टार्टअप्स की सक्सेज स्टोरी प्रकाशित की गयी है. इन 6 चयनित स्टार्टअप्स में दो पटना के हैं जिनमे शाजिया कैसर का नाम भी है. अंततः अपनों द्वारा ही रोक टोक के बावजूद शाजिया ने साबित कर दिखाया की जहाँ चाह है वहां राह है.
By: Rakesh singh 'Sonu'
भागलपुर की शाजिया कैसर बिहार के पहले शू लॉन्ड्री 'रिवाइवल शू लॉन्ड्री' की मालकिन हैं. पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट शाजिया इससे पहले डब्लू.एच.ओ. एवं यूनिसेफ में भी काम कर चुकी हैं. तब अपनी डॉक्टरी प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने एक पत्रिका में 'शू लॉन्ड्री' पर एक आर्टिकल पढ़ा और तभी से वो इतना प्रभावित हुईं कि बिहार में इस बिजनेस को स्टार्ट करने का मन बनाया. जॉब के साथ साथ रिसर्च वर्क जारी रहा और उसी सिलसिले में वो भूटान और ऑल ओवर इंडिया के पूणा, मुंबई, चेन्नई इत्यादि ब्रांच में जाकर ट्रेनिंग ले आयीं. शू लॉन्ड्री की शुरुआत करने से पहले ही घर एवं ससुराल के लोग खिलाफ हो गएँ. ताने मारने लगें कि ये मोची वाला काम छोड़कर कोई और काम शुरू करो. लेकिन शाजिया को इस नए बिजनेस और अपने आप पर पूरा विश्वास था.फिर पति का साथ मिलते ही दिसंबर 2012 में पटना के अल्पना मार्केट(न्यू पाटलिपुत्रा कॉलोनी) में 3 स्टाफ के साथ बिहार की पहली शू लॉन्ड्री की नींव रख डाली. जहाँ क्लीनींग, पॉलिशिंग,शोल रिप्लेसिंग, पेस्टिंग, नेट चेंजिंग का काम होता है. शाजिया की शू लॉन्ड्री में देसी से लेकर विदेशी और आम से लेकर खास तबकों के जूते भी आते हैं जिनमे मुख्यमंत्री के जूते भी शामिल हैं.
शाजिया बिहार में अपनी कम्पनी के ब्रांच खोलने की तयारी में हैं. वे अन्य राज्यों उड़ीसा, झाड़खंड, छत्तीसगढ़, रोहतक आदि में शू लॉन्ड्री खोलनेवालों को ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं. 2013 में वूमेंस डे पर इनोवेशन फिल्ड में साल की चार महिलाओं में से एक इनका भी चयन हुआ था. इनके प्रयासों के लिए इन्हें बिहार इंडस्ट्रियल एसोसिएशन और 2016 में सिनेमा इंटरटेनमेंट ने सशक्त नारी अवार्ड से सम्मानित किया है. अभी हाल ही में इण्डिया इनिशिएटिव के तहत देशभर में 6 स्टार्टअप्स की सक्सेज स्टोरी प्रकाशित की गयी है. इन 6 चयनित स्टार्टअप्स में दो पटना के हैं जिनमे शाजिया कैसर का नाम भी है. अंततः अपनों द्वारा ही रोक टोक के बावजूद शाजिया ने साबित कर दिखाया की जहाँ चाह है वहां राह है.
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